
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने हाल ही में बिहार सरकार पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा, “मुझे ऐसी सरकार का समर्थन करते हुए दुख होता है जहां अपराध बेलगाम हो गया है।”
उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य में कुछ हाई-प्रोफाइल आपराधिक घटनाएं सामने आई हैं।
मांझी ने किया पलटवार
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने चिराग के बयान को खारिज करते हुए उन्हें अनुभवहीन बताया।
उनका बयान:
“चिराग का राजनीतिक जीवन छोटा है। असली अनुभव उनके पिता रामविलास पासवान का था।”
मांझी ने दावा किया कि बिहार की कानून-व्यवस्था की वर्तमान स्थिति 2005 से पहले की तुलना में बेहतर है।
‘जंगलराज’ पर मांझी का जवाब
चिराग पासवान की ओर से राज्य में ‘जंगलराज’ जैसे हालात होने के इशारे पर मांझी ने कड़ा जवाब देते हुए कहा:
“कभी हाई कोर्ट ने कहा था कि बिहार में जंगलराज है, लेकिन अब ऐसा नहीं कहा जाता। अगर चिराग अब भी ऐसा बोलते हैं, तो यह उनकी अनुभवहीनता को दर्शाता है।”
राजनीतिक पृष्ठभूमि और बयानबाज़ी का असर
इस बयानबाज़ी ने बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है, जहां NDA के ही दो सहयोगी नेता आमने-सामने आ गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह आगामी चुनावी तैयारियों और सीट शेयरिंग को लेकर दबाव बनाने की रणनीति भी हो सकती है।
बिहार में कानून-व्यवस्था को लेकर जुबानी जंग तेज होती जा रही है। चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की ये बहस सिर्फ बयान तक सीमित नहीं, बल्कि राज्य की राजनीतिक ध्रुवीकरण को भी दर्शाती है।
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